उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में टूटा रानीखेत कर्णप्रयाग नेशनल हाईवे 109 दूसरे दिन भी बाधित है। अभी इस नेशनल हाईवे को बनाने में और समय लग सकता है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि विभाग की लापरवाही के कारण एनएच ध्वस्त हुआ है। उनके घरों को भी खतरा है। उधर अभी तक वैकल्पिक मार्ग भी नहीं बन सका है।
गैरसैंण में यों तो आसमानी आफत का कहर पहाड़ से लेकर मैदान तक मचा है। लेकिन जनपद का सर्वाधिक सुरक्षित माना जाने वाला गैरसैण-कर्णप्रयाग मोटर मार्ग गुरुवार देर रात कालीमाटी के पास दरक गया। राष्ट्रीय राजमार्ग 109 पर दिवालीखाल स्थित विधानसभा तिराहे से 6 किमी दूर तकरीबन 15 मीटर सड़क पूरी तरह साफ हो गई। यातायात सुचारू करने में काफ़ी समय लगने की संभावना जताई जा रही है। बताते चलें कि गुरुवार देर रात गैरसैंण क्षेत्र में भारी बारिश हुई। इसमे नैनीताल-बदरीनाथ को जोड़ने वाला एनएच 109 गैरसैंण -कर्णप्रयाग के बीच कालीमाटी के समीप पानी के तेज बहाव में बह गया। सूचना मिलने पर पुलिस और संबंधित विभाग (NH) ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। लेकिन NH कर्मचारी कोई भी कार्रवाई करते नहीं दिखे। इस बीच सड़क के दोनों और वाहनों कि लम्बी कतार लग गई। गैरसैंण के उपजिलाधिकारी कमलेश मेहता ने मौके पर पहुंचकर विभागीय कार्रवाई में लेट-लतीफी के चलते एनएच के कनिष्ठ अभियंता आशुतोष शर्मा को जमकर लताड़ लगाई व तेजी के साथ वैकल्पिक व्यवस्था बनाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि फिलहाल यात्रियों के लिए वैकल्पिक मार्ग कि व्यवस्था की जा रही है। वाहनों की आवाजाही के लिए मार्ग सुचारू करने के लिए अधिक संख्या में मैन पॉवर व मशीनरी लगाने के लिए कहा गया है। मामले में एनएच के कनिष्ठ अभियंता ने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया. सहायक अभियंता सहित क़ोई भी जिम्मेदार विभागीय अधिकारी मौके पर मौजूद नहीं रहे। टी गांव निवासी पूजा देवी ने कहा कि एनएच की लापरवाही के कारण सड़क टूटी है। बताया कि उनके घरों को भी खतरा बना हुआ है। राष्ट्रीय राजमार्ग कर्मियों पर पर आरोप लगाते हुए कहा कि कई बार इस संबंध में उन्हें बताया गया किंतु इसका संज्ञान नही लिया गया। स्थानीय निवासी हेमंत बर्तवाल ने बताया कि दिवालीखाल से लेकर गैरसैंण तक सारे कलमठ और नालियां बंद पड़ी हुई हैं। जिस कारण इस बरसात के मौसम में कभी भी कोई बड़ी अनहोनी हो सकती है। कालीमाटी निवासी प्रिया देवी ने कहा कि NH द्वारा कभी भी नालियों की सफाई नहीं की जाती है। जिस कारण उनके भवन को भी खतरा बना हुआ है।