लगातार वर्षा और वर्षाकाल की तमाम चुनौतियां आस्था के आगे बौनी साबित हो रही हैं। जुलाई प्रथम सप्ताह में जहां प्रतिदिन केदारनाथ दर्शन को पहुंचने वालों की संख्या 3000 के आसपास रह गई थी। वहीं, बीते चार दिन से यह दोगुना हो गई है। इन चार दिनों में 23 हजार से अधिक श्रद्धालु बाबा के दर्शन को पहुंचे हैं, जबकि इससे पूर्व के पांच दिनों में यह संख्या महज 17.5 हजार थी।
दरअसल बीते वर्ष से श्रावण मास में केदारनाथ दर्शन को पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या काफी बढ़ जा रही है। विशेषकर श्रावण शिवरात्रि तक बड़ी संख्या में श्रद्धालु केदारनाथ पहुंचते हैं। इन दिनों लगातार वर्षा के चलते केदारनाथ धाम की राह कठिन हो गई है। गौरीकुंड हाईवे पर जगह-जगह भूस्खलन क्षेत्र सक्रिय हो उठे हैं और केदारनाथ पैदल मार्ग पर पहाड़ी से पत्थर गिरने का खतरा बना हुआ है। इसी को देखते हुए श्रद्धालुओं को रोक-रोककर पैदल मार्ग पर भेजा जा रहा है। बीते वर्षों की यात्रा पर नजर डालें तो वर्षाकाल के दौरान गिनती के श्रद्धालु ही बाबा के दर्शन को पहुंचते रहे हैं। लेकिन, वर्ष 2022 से श्रावण में जलाभिषेक के लिए केदारनाथ जाने का क्रेज बढ़ा है। जबकि, इस दौरान हाईवे के साथ ही पैदल मार्ग पर भी भूस्खलन, भूधंसाव, फिसलन आदि का खतरा बढ़ जाता है। विशेष यह कि भाद्रपद में श्रद्धालुओं की संख्या फिर गिनती की रह जाती है और इसमें बढ़ोतरी वर्षाकाल बीतने के बाद ही होती है। वहीं, अपर जिलाधिकारी दीपेंद्र नेगी ने बताया कि सुरक्षा के मद्देनजर श्रद्धालुओं को रोक-रोककर सोनप्रयाग व गौरीकुंड से केदारनाथ भेजा जा रहा है। अधिकारियों को सतर्क रहने को कहा गया है।बीते वर्ष की तरह इस बार भी वर्षाकाल में धाम के लिए हेली सेवा का संचालन हो रहा है। हिमालयन हेली कंपनी के हेलीकाप्टर लगातार धाम के लिए उड़ान भर रहे हैं। वहीं, ट्रांस भारत एविएशन ने भी दो सप्ताह के अंतराल के बाद बुधवार से धाम के हेली सेवा का संचालन शुरू कर दिया। कंपनी वर्षाकाल के मद्देनजर जून आखिर में बोरिया-बिस्तर समेटकर दिल्ली वापस लौट गई थी। जबकि, हिमालयन हेली लगातार दूसरे वर्षाकाल अपनी सेवाएं जारी रखे हुए है।