आदिपुरुष को लेकर तमाम तरह के बयान सामने आ रहे हैं। जहां बीते दिनों रामायण की स्टारकास्ट ने फिल्म को लेकर नाराजगी जाहिर की थी। वहीं, शक्तिमान उर्फ मुकेश खन्ना ने भी फिल्म को लेकर कुछ विवादित बातें कहीं हैं। उन्होंने फिल्म को लेकर गुस्सा जाहिर करते हुए यहां तक कह दिया कि ‘आदिपुरुष’ बनाने वालों को 50 डिग्री तापमान पर ज़िंदा जला देना चाहिए। मुकेश खन्ना के बयान को लेकर लोग उन्हें काफी ट्रोल कर रहे हैं और गलत बता रहे हैं। वहीं, अब इस मुद्दे पर उर्फी जावेद ने भी अपना रिएक्शन दिया है और काफी मजबूती से अपनी बात रखी है।
उर्फी ने मुकेश खन्ना के बयान पर ट्वीट करते हुए लिखा- “यार ये आदमी पूरा पागल है, मैं मानती हूं कि फिल्म थोड़ी बुरी है, लेकिन कृपया दोस्तों, किसी को जलाना मत, वास्तव में मुझे लगता है कि लोगों को हिंसा के लिए भड़काने के लिए इस आदमी को सलाखों के पीछे होना चाहिए।”
Yar ye Aadmi Poora Pagal hai , Mai maanti hu movie thodi buri hai but please guys koi kisi ko Jalana mat infact I feel this guy should be out behind bars for provoking people to incite violence . pic.twitter.com/LHNWdP54ss
— Uorfi (@uorfi_) June 22, 2023
दरअसल, इन दिनों प्रभास की हालिया रिलीज फिल्म आदिपुरुष काफी चर्चा में है। ये फिल्म विवादों में घिरी हुई है. मुकेश खन्ना ने भी हाल ही में इस फिल्म को लेकर अपना रिएक्शन दिया और कहा कि ये अधिकार किसने दिया है कि कोई भी हमारे धर्मग्रंथ का अपमान करे. उन्होंने आगे कहा कि आदिपुरुष की टीम को जला देना चाहिए। अब मुकेश खन्ना के इसी बयान को लेकर उर्फी उनपर भड़की हैं।
#WATCH | "If the people of the country don't stop this, then I'll think that 100 crore Hindus have not awakened yet," says actor Mukesh Khanna on the film 'Adipurush'. pic.twitter.com/38Q0F8Oi3n
— ANI (@ANI) June 20, 2023
कोई शक नहीं कि यहां उर्फी की बातों में दम नजर आता है। आदिपुरुष को लेकर मुकेश खन्ना को अपनी नाराज़गी दिखाने का पूरा अधिकार था। लेकिन किसी के मर जाने की कामना करना, किसी लिहाज से सही नहीं है। मुकेश खन्ना ने कहा, “सबसे बड़ी गलती ओम राउत की है। फिर आते हैं मुंतशिर.. जो कहते हैं कि बड़े राइटर हैं। उनकी बचकानी बातें सुनकर मुझे बहुत बुरा लगा। मुझे लगा था कि इतनी आलोचना के बाद ये लोग मुंह छुपाएंगे। लेकिन ये आगे आकर अलग-अलग सफाई दे रहे हैं। कह रहे हैं कि वाल्मीकि जी का वर्ज़न था, फिर उसके बाद में तुलसीदास जी का वर्ज़न था, फिर रामानंद जी का वर्ज़न था, उसके बाद हमारा वर्ज़न है। मैं पूछता हूं कि अपना वर्ज़न बनाने वाले आप होते कौन हैं..”