नई दिल्ली। इस बार भी राजधानी में पटाखों पर बैन था, लेकिन दिल्लीवाले नहीं माने। देर रात तक दिल्ली-एनसीआर में धुआंधार आतिशबाजी हुई। चोरी-छिपे पटाखे खरीदे गए और शाम होते ही बैन का कानून धुआं हो गया। जबकि दिल्ली के पर्यावरण मंत्री ने साफ कहा था कि दिवाली पर राष्ट्रीय राजधानी में पटाखे फोड़ने पर छह महीने की जेल और 200 रुपये जुर्माना लगाया जा सकता है। जैसे-जैसे रात होती गई, पटाखों की आवाज तेज होती गई। सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर कर कुछ लोगों ने पूछा भी कि कोई प्रतिबंध लगा भी है या नहीं। हालांकि इन सबके बावजूद एक राहत की खबर है। जी हां, राहत इस मामले में कि दिवाली की अगली सुबह प्रदूषण के पिछले पांच साल के आंकड़े देखें तो इस बार मीटर डाउन रहा।
दरअसल, दिवाली पर पटाखे फोड़ने की सदियों पुरानी परंपरा है। दिवाली के आसपास प्रदूषण बढ़ जाता है इसलिए दिल्ली में पर्यावरण संबंधी चिंताओं और स्वास्थ्य खतरे को देखते हुए प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया गया था। पराली जलाने और पटाखे फोड़ने से दिल्ली की वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ हो गई। हालांकि, 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 312 के आसपास रहा।
आंकड़ों से साफ है कि आज दिल्ली में हवा की गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ रही लेकिन यह पांच साल में सबसे बेहतर स्थिति है। ऐसे में सीएम अरविंद केजरीवाल का ट्वीट भी आया। उन्होंने लिखा, ‘प्रदूषण के क्षेत्र में दिल्लीवासी काफ़ी मेहनत कर रहे हैं। काफ़ी उत्साहजनक नतीजे आए हैं, पर अभी लंबा रास्ता तय करना है। दिल्ली को दुनिया का सबसे बेहतरीन शहर बनाएंगे।
प्रदूषण के क्षेत्र में दिल्लीवासी काफ़ी मेहनत कर रहे हैं। काफ़ी उत्साहजनक नतीजे आये हैं। पर अभी लंबा रास्ता तय करना है। दिल्ली को दुनिया का सबसे बेहतरीन शहर बनायेंगे https://t.co/VVoLxBrGd4
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) October 25, 2022
सुबह 11 बजे दिल्ली-नोएडा का हाल : ताजा स्थिति की बात करें मंगलवार सुबह 11 बजे दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी AQI 353 था, जो काफी खराब स्थिति मानी जाती है। गुरुग्राम में 318 और नोएडा में AQI 370 था।
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के कम होने की एक बड़ी वजह हवा चलना भी माना जा रहा है। तड़के कई इलाकों में हल्की हवा चल रही थी। उधर, हवा की गुणवत्ता खराब पाए जाने पर दिल्ली एमसीडी द्वारा आनंद विहार समेत कई इलाकों में पानी का छिड़काव शुरू कर दिया गया।
इससे पहले, दक्षिण दिल्ली के ईस्ट ऑफ कैलाश और पड़ोसी स्थानों जैसे नेहरू प्लेस और मूलचंद में पटाखों की रोशनी से आसमान पटा हुआ था। पूर्वी और उत्तर पूर्वी दिल्ली के लक्ष्मी नगर, मयूर विहार, शाहदरा, यमुना विहार समेत कई इलाकों में यही स्थिति रही। कुछ लोगों ने कहा कि इस बार पटाखों की आवाज़ पिछले साल से कम थी, लेकिन रात 9 बजे के बाद पटाखों की आवाज़ बढ़ गई। दक्षिण पश्चिम दिल्ली की मुनिरका में कथित रूप से तेज़ आवाज़ वाले पटाखे फोड़े गए हैं।