नई दिल्ली। FIPIC (फोरम फॉर इंडिया-पैसिफिक आइलैंड्स कोऑपरेशन) के नेताओं के साथ बातचीत के लिए पीएम मोदी इस समय पापुआ न्यू गिनी के दौरे पर हैं, ये प्रशांत महासागर में मौजूद एक आइलैंड देश है, इसके साथ अन्य देशों के राष्ट्राध्यक्ष भी इस मीटिंग में पहुंचे हैं। यहां मीटिंग के दौरान पीएम मोदी ने जलवायु परिवर्तन को लेकर चिंताएं भी जाहिर की, जलवायु परिवर्तन कोई एक दिन में घटित होने वाली घटना नहीं है, बल्कि ये एक लंबी समय सीमा के दौरान घटित होने वाली घटना है। इसी के चलते पीएम मोदी न सिर्फ भारत में बल्कि दुनियाभर में हो रहे जलवायु परिवर्तन को लेकर अक्सर सजगता का संदेश देते सुने जाते हैं। ऐसा ही हुआ पापुआ न्यू गिनी में जब प्रशांत महासागर क्षेत्र के आइलैंड देशों के राष्ट्राध्यक्षों के साथ मुलाकात के दौरान उन्होंने बताया कि मैंने जो शर्ट पहनी है वो प्लास्टिक वेस्ट से बनाई गई है। ये सुनकर वहां मौजूद हर कोई हैरान रह गया। इसके बाद जलवायु परिवर्तन को लेकर पीएम मोदी के स्पष्ट विचारों और ऐसी दृढ़ता को देखते हुए सबने पीएम मोदी की तारीफ की, साथ ही कहा कि वे उनसे प्रभावित हैं।
Sharing my remarks at the FIPIC Summit. https://t.co/hrAcS0TnYE
— Narendra Modi (@narendramodi) May 22, 2023
जानकारी के लिए आपको बता दें कि फोरम फॉर इंडो-पैसिफिक आइलैंड्स कोऑपरेशन के सभी नेताओं के साथ मुलाकात के दौरान पीएम मोदी ने बाजरे को प्रमुख स्थान दिया, खाने के दस्तरखान में देश के कोने कोने से अलग अलग देशी भोजनों की सूची बनाई गई, जिसमें बाजरा और सब्जी का सूप, बाजरा बिरयानी, राजस्थानी गट्टा कड़ी जैसे शुद्ध देशी भोज्य पद्धार्थ शामिल थे। पीएम मोदी के ऐसा करने के पीछे एक संदेश छिपा हुआ है, दरसल, बाजरा कोई हाल फिलहाल में उगाया गया अनाज नहीं है, बल्कि ये मानव जाति के इतिहास से पहले भी पृथ्वी पर हुआ करता था। बाजरा मानव जाती के लिए ज्ञात सबसे प्राचीन खाद्य पदार्थों में शुमार है। अपने छोटे बीजों और कठोर मौसम में भी उग पाने की क्षमता के कारण ये अफ्रीका के जंगलों में फली फूली, ये फसल शुष्क से शुष्क भूमि पर आसानी से उगाई जा सकती है। इसके साथ ही बाजरा की फसल में कम निवेश भी लगता है जिसके चलते ये और भी ज्यादा फायदेमंद है। इस फसल का सीधा सम्बंध जलवायु परिवर्तन से भी है। ये जलवायु परिवर्तन के लिए लचीली होती है।
Millets form a key part of lunch hosted by Indian PM Modi to the Pacific leaders at Port Moresby, Papua New Guinea pic.twitter.com/mOSw42m64m
— Sidhant Sibal (@sidhant) May 22, 2023
अगर बात करें ज्वर और बाजरा के गुणों की तो ये प्रोटीन, एंटीऑक्सिडेंट, खनिज और अन्य पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं, रक्त शर्करा और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में सहायता भी प्रदान करते हैं। खास बात ये है कि भारत में आमतौर पर उगाए जाने वाले बाजरा के प्रकारों में ज्वार (सोरघम), बाजरा (मोती बाजरा), रागी (उंगली बाजरा), झंगोरा (बार्नयार्ड बाजरा), बैरी (प्रोसो या सामान्य बाजरा), कांगनी (फॉक्सटेल बाजरा) और कोदरा (कोदो बाजरा) शामिल हैं। ये सभी आजादी से पहले और आजादी के काफी दशकों तक भारतीयों की भोजन की थाली का प्रमुख हिस्सा रहे, लेकिन अब धीरे धीरे गेंहू के प्रसार ने इनके महत्व को कम किया है। अब पहले के मुकाबले भारतीय गेंहू और चावल पर अधिक निर्भर हो गए हैं।