उत्तराखंड सूबे में एक ऐसे कई गांव हैं जहां शादियों में पूरी तरह से शराब पर प्रतिबंध लगाया गया है। इसी क्रम में गढ़वाल स्थित भट्टीधार गांव ने इससे एक कदम आगे आकर गांव की सड़क से लेकर गांव के मुख्य चौराहों तक कुछ बोर्ड लगाए हैं, जो अब चर्चाओं का विषय बने हुए हैं. बोर्ड में साफ तौर पर लिखा गया है कि अगर कोई भी व्यक्ति गांव में शराब या नशे की हालत में प्रवेश करता है तो उसकी पिटाई की जाएगी। अच्छी बात यह है कि इस बोर्ड के लगने के बाद से यहां के युवा और बुजुर्गों ने शराब का सेवन करना बंद कर दिया है।
विधानसभा भवन से कुछ किलोमीटर दूर स्थित भट्टीधार गांव में लगभग 25 परिवार रहते हैं। पहले यहां परिवारों की संख्या अधिक थी लेकिन अभी के समय में लगभग 25 परिवारों का एक यह गांव बेहद खुशहाल और खूबसूरत है। महिला मंगल दल की अध्यक्ष बसंती देवी ने बताया गांव में कुछ बुजुर्ग और कुछ युवा शराब के आदी हो चुके थे। जिससे आए दिन परिवारों में झगड़े होते थे। आलम ये था कि गांव में बाहर से अगर कोई बारात आती या कोई कार्यक्रम होता था तो लोग शराब पीकर देर रात हुड़दंग करते थे। जिससे गांव का माहौल खराब हो रहा था। उन्होंने बताया कि हमें कुछ समझ नहीं आ रहा था तब हमने इस बारे में कानूनी राय ली और यह पहल शुरू की। अब लोगों में यह डर है कि अगर कहीं से भी लड़ाई-झगड़े या शराब की खबर आई तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। स्थानीय निवासी किशन राम बताया कि हमारा एक दल पास के ही पुलिस थाना और वकील से सलाह लेने पहुंचा। हमने उन्हें अपना प्लान बताया कि अगर हम गांव में इस तरह के बोर्ड लगवाते हैं तो काफी हद तक शराब की समस्या से छुटकारा मिलेगा। बाहर से आने वाले लोग ऐसा नहीं करेंगे। उन्होंने बताया एक समूह भी बनाया हुआ है जो ऐसी घटनाओं पर तुरंत संबंधित व्यक्ति के पास पहुंचता है। अच्छी बात यह है कि हमारे बोर्ड लगाने के बाद अब कई गांव में इस तरह की पहल शुरू की है। आसपास के कई गांव है, जहां पर इसी तरह के बोर्ड लगा दिए गए हैं। पिथौरागढ़ में भी महिलाओं ने समूह बनाकर शराब पीने वालों पर कार्रवाई करने का पूरा प्लान तैयार किया है। हालांकि इस गांव में साल 2022 से ही यह कवायद शुरू हो गई थी। बेरीनाग की वैशाली ग्राम पंचायत में महिलाओं ने बैठक करके यह फैसला लिया था कि किसी भी शादी, जन्मदिन और देवी देवताओं के कार्यक्रम में पुरुषों द्वारा या महिलाओं द्वारा किसी भी तरह का नशे का सेवन नहीं किया जाएगा और अगर ऐसा कोई करता है , तो उसे गांव से बेदखल किया जा सकता है. प्रधान रेखा देवी ने बैठक करके महिलाओं के साथ यह फैसला लिया कि गांव में अगर कोई शराब पीकर हुड़दंग करता है। या किसी की भी आवाज शराब पीकर एक घर से दूसरे घर में लड़ाई झगड़े की जाती है तो उससे ₹51000 वसूलने का प्रावधान ग्राम पंचायत में रखा हुआ है।