ट्रेन पलटाने की साजिश! रेलवे ट्रैक पर रखा 100 किलो का पत्थर, नैनी-दून एक्सप्रेस पलटने से बची

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नैनी दून एक्सप्रेस मुरादाबाद रेलवे स्टेशन से ठीक समय पर देहरादून के लिए रवाना हुई। कांठ से आगे स्योहारा के पास मेवा नवादा पर करीब साढ़े 7 बजे पहुंची तो अचानक रेलवे ट्रैक पर रखा 100 किलो का पत्थर ट्रेन के इंजन में फंस गया।

मुरादाबाद-सहारनपुर रेल मार्ग पर मंगलवार की रात नैनी-दून एक्सप्रेस को पलटाने की साजिश की गई। ट्रेन पलटाने के लिए रेलवे ट्रैक पर 100 किलो का पत्थर रखा गया था। जब ट्रेन आई तो पत्थर इंजन में फंस गया। लेकिन,काठगोदाम से देहरादून जाने वाले नैनी दून एक्सप्रेस ट्रेन के ड्राइवर की सूझबूझ से बड़ा हादसा होने से टल गया। रेलवे कंट्रोल रूम पर हादसे की सूचना के बाद घटनास्थल पर मैकेनिकल विभाग की टीम पहुंच गई। टीम ने पत्थर के टुकड़े करके ट्रैक से हटाया। डेढ़ घंटे बाद ट्रेन को घटनास्थल से आगे के लिए रवाना किया गया। ट्रैक पर रखे पत्थर का वजन करीब 100 किलो का बताया जा रहा है। रेलवे ने पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है। माना जा रहा है कि यह बड़ा हादसा करने की साजिश थी। क्योंकि जिस जगह हादसा हुआ वहां लोगों का आना जाना नहीं होता है. ट्रेन पलटती तो हजारों लोग उसमें प्रभावित होते।

काठगोदाम से देहरादून जाने वाली 12091 नैनी दून एक्सप्रेस मंगलवार को मुरादाबाद रेलवे स्टेशन से ठीक समय पर देहरादून के लिए रवाना हुई। कांठ से आगे स्योहारा के पास मेवा नवादा पर करीब साढ़े 7 बजे पहुंची तो अचानक रेलवे ट्रैक पर रखा 100 किलो का पत्थर ट्रेन के इंजन में फंस गया। जिसकी वजह से इंजन का पहिया उठ गया और ट्रेन 100 मीटर तक पटरी पर घिसटती रही। ट्रेन के सभी डिब्बे तेजी के साथ हिलने लगे। ट्रेन के डिब्बे हिलने से ट्रेन में सवार करीब 1100 लोग अपनी जान की सलामती की दुआ मांगने लगे। ट्रेन के ड्राइवर ने तुरंत ट्रेन की स्पीड को कम किया और उसके बाद ब्रेक लगाकर ट्रेन को रोक दिया। ट्रेन रुकने के बाद ड्राइवर ने इंजन से नीचे उतरकर देखा तो इंजन के पहिये में पत्थर फंसा था। तुरंत ड्राइवर ने मुरादाबाद रेलवे मंडल कंट्रोल रूम को सूचना दी। हादसे की सूचना मिलने पर कंट्रोल रूम ने घटनास्थल के लिए मैकेनिकल विभाग की टीम को भेजा। टीम ने मौके पर पहुंचकर औजारों से पत्थर को छोटे-छोटे टुकड़े कर बड़ी मुश्किल से पहियों के बीच से पत्थर को निकाला। घटना का रिकार्ड कांठ रेलवे स्टेशन पर दर्ज किया गया है। जिसमें ड्राइवर, सहायक ड्राइवर, गार्ड सहित ट्रेन में सवार लोगों के बयान दर्ज करने के बाद करीब डेढ़ घंटे बाद ट्रेन को आगे बढ़ाया गया। सीनियर डीसीएम का कहना है कि ट्रेन पर इतना बड़ा और इतना भारी पत्थर कैसे आया, इस पूरे मामले की जांच कराई जा रही है। ड्राइवर की समझदारी से एक बड़ा हादसा होने से टल गया। आरपीएफ घटनास्थल तक पेट्रोलिंग नहीं करती है लेकिन रेलवे स्टाफ ने यहां पेट्रोलिंग भी की थी। ट्रैक पर इतना बड़ा पत्थर कैसे आया यह जांच का विषय है। कहीं यह किसी की साजिश तो नहीं. इस घटना की जांच शुरू की जा चुकी है।