नकल माफिया हाकम सिंह का सांकरी में देवदार की लकड़ी से बना आलीशान रिजॉर्ट गोविंद वन्य जीव विहार की भूमि पर है। रिजॉर्ट का संचालन भी अवैध तरीके से किया जा रहा था। इसके अलावा हाकम सिंह ने सरकारी भूमि पर कब्जा कर सेब के दो बगीचे भी बनाए हैं। इन सभी बातों की पुष्टि एसटीएफ और राजस्व पुलिस की संयुक्त जांच में हुई है। गोविंद वन्य जीव विहार प्रशासन का कहना है कि अतिक्रमण को शीघ्र ध्वस्त किया जाएगा।
विकासखंड मोरी के सिदरी गांव (सांकरी क्षेत्र) के समीप हाकम सिंह ने चार-पांच भवनों वाला एक आलीशान रिजॉर्ट बनाया हुआ है। इस रिजॉर्ट में आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित करीब आठ दर्जन कमरे हैं। यहां मीटिंग हॉल भी बनाया गया है। देवदार की लकड़ियों से बने इस रिजॉर्ट में राज्य के कई बड़े नौकरशाह ठहर चुके हैं। अनुमान है कि इस पर करोड़ों रुपये खर्च हुए हैं।
यह रिजार्ट पेपर लीक प्रकरण के बाद चर्चा में आया था। सीएम पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर एसटीएफ व राजस्व पुलिस ने हाकम सिंह की संपत्ति की जांच की थी। जांच में स्पष्ट हुआ है कि रिजॉर्ट का 85 फीसदी हिस्सा गोविंद वन्य जीव विहार की भूमि पर अतिक्रमण कर बनाया गया है। हाकम ने होम स्टे योजना में रिजॉर्ट के पंजीकरण के लिए आवेदन किया था। रिजॉर्ट के दस्तावेज पूरे नहीं होने के कारण पर्यटन विभाग ने इसे खारिज कर दिया था।
अकूत संपत्ति का मालिक है हाकम सिंह
जांच में हाकम सिंह की अकूूत संपत्ति मिली है। हाकम सिंह के सात बैंक खातों का पता चला है। इनमें लाखों रुपये का लेनदेन हुआ है। करीब 16 लाख की अवैध धनराशि को फ्रीज किया गया है। इसके अलावा कोट गांव में 5 हजार वर्ग मीटर, भीतरी गांव में 1250 वर्ग मीटर भूमि, देहरादून में 1 हजार वर्ग मीटर भूमि पर तीन मंजिला भवन है। हाकम सिंह के पास कई वाहन भी बताए जा रहे हैं।
एसटीएफ व राजस्व विभाग की जांच में स्पष्ट हुआ है कि रिजार्ट का करीब 85 फीसदी हिस्सा गोविंद वन्य जीव विहार की भूमि पर अतिक्रमण कर बनाया गया है।
– अर्पण यदुवंशी, एसपी उत्तरकाशी।
दस्तावेजों का अध्ययन किया जा रहा है। अतिक्रमण को हटाने के लिए ठोस कार्रवाई की जा रही है। गोविंद वन्य जीव विहार की भूमि पर किए गए अतिक्रमण को शीघ्र ध्वस्त किया जाएगा।
-डीपी बलूनी, उपनिदेशक, गोविंद वन्य जीव विहार।