योग हमारी सेहत के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है। यही वजह है कि लोग इसे लगातार अपनी दिनचर्या का हिस्सा बना रहे हैं। योग शारीरिक ही नहीं, बल्कि मानसिक तौर पर कई सारे फायदे पहुंचाता है। योग की इसी अहमियत को देखते हुए हर साल 21 जून को विश्व योग दिवस मनाया जाता है। यह दिन खासतौर पर योग से होने वाले कई लाभों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के मकसद से मनाया जाता है। योग एक प्राचीन अभ्यास है, जिसकी उत्पत्ति भारत में हुई और इसने अपने शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक लाभों के लिए दुनिया भर में लोकप्रियता हासिल की है।
हर साल 21 जून को दुनिया भर के लोग अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाते हैं। इस दिन का लक्ष्य योग के कई लाभों के बारे में जन-जागरूकता बढ़ाना है और शारीरिक- मानसिक स्वास्थ्य के लिए दुनिया भर के योग चिकित्सकों को प्रेरित करना है। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की शुरुआत साल 2015 से हुई थी। दरअसल, साल 2014 के सितंबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 69वें सत्र में अपने संबोधन के दौरान योग दिवस का विचार प्रस्तावित किया था। इसके बाद 11 दिसंबर, 2014 को संयुक्त राष्ट्र के सभी 193 सदस्य देशों ने सर्वसम्मति से 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने पर सहमति व्यक्त की, जिसके बाद 21 जून, 2015 को पहला अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया। योग दिवस मनाने के लिए 21 जून का दिन इसलिए तय किया गया, क्योंकि पंचांग के मुताबिक 21 जून को उत्तरी गोलार्द्ध का सबसे लंबा दिन होता है। इसे ग्रीष्म संक्रांति कहते हैं, जिसके बाद सूर्य दक्षिणायन होता है। सूर्य के दक्षिणायन होने पर इसका तेज कम हो जाता है, जिससे वातावरण अशुद्ध हो जाता है, कीटाणु उत्पन्न होते हैं और रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। ऐसे में आध्यात्मिक सिद्धियों को प्राप्त करने और तन-मन को स्वस्थ रखने के लिए 21 जून का दिन अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के लिए चुना गया है। इस साल अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का 9वां संस्करण मनाया जा रहा है। हर साल इस दिन को एक खास थीम के साथ सेलिब्रेट किया जाता है। ऐसे में बात करें इस साल की थीम की तो साल 2023 में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की थीम “वसुधैव कुटुम्बकम के लिए योग” तय की गई है।