बदलते मौसम का असर लोगों की सेहत पर होने लगा है। संक्रामक बीमारियों की चपेट में आकर लोग बीमार पड़ने लगे हैं। इससे सबसे ज्यादा बच्चों की सेहत प्रभावित हो रही है। बेस और सुशीला तिवारी अस्पताल में डायरिया के 12 तथा उल्टी-दस्त और बुखार के एक दर्जन से ज्यादा मरीज भी भर्ती हैं। कभी तेज धूप तो कभी बारिश से तापमान में लगातार उतार-चढ़ाव हो रहा है। जिससे बच्चे और बड़े बीमार हो रहे हैं। सोबन सिंह जीना बेस अस्पताल के बच्चा वार्ड में वर्तमान में 15 बच्चे भर्ती हैं। जिसमें डायरिया के 5, बुखार के 3 तथा अन्य हेपेटाइटिस, उल्टी-दस्त से पीड़ित हैं। वहीं मेडिसिन वार्ड में 9 महिला-पुरुष मरीज भर्ती हैं। जिसमें डायरिया के 2, उल्टी-दस्त के 4 तथा बुखार के 3 मरीज हैं। जिनका उपचार चल रहा है। यही हाल डॉ. सुशीला तिवारी राजकीय अस्पताल का भी है। यहां मेडिसिन विभाग के वार्ड सी और डी में डायरिया के 2 मरीज भर्ती हैं। जबकि बच्चा वार्ड में डायरिया के 5 तथा 1 बुखार से पीड़ित मरीज है। बुधवार को मेडिसिन विभाग में 195 मरीजों की ओपीडी हुई। जिसमें सबसे ज्यादा मरीज सर्दी-खांसी, जुकाम व बुखार के थे। वहीं बाल रोग विभाग की ओपीडी में 75 बच्चे इलाज के लिए आये। चिकित्सकों का कहना है कि इस मौसम में होने वाली बीमारियां गंदा पानी पीने, दूषित (रखा हुआ) भोजन करने और बाजारों में खुले में रखे कटे हुए फलों और जूस का सेवन करने से होती है। इनसे पाचन क्रिया प्रभावित होती है। इस मौसम में खानपान और साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखने की जरूरत है। जरा सी लापरवाही स्वास्थ्य को खतरे में डाल सकती है।