चारों तरफ देवभूमि में कामुक दरिंदे, कहाँ जाएँ कामकाजी महिलाएं ?

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03/10/2020 अल्मोड़ा/नैनीताल। आज के समाज में महिला- पुरुषो के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है। जिस भी क्षेत्र के बारे में सोचेंगे वहां महिलाओं की मौजूदगी पाएंगे। ये मौजूदगी और ये पायदान महिलाएं अपने हुनर और मेहनत के बल पर पाती है। बावजूद इसके कुछ भेड़िये रुपी दुराचारी कामकाजी महिलाओं पर अपनी कुदृष्टि रखते है। अंकिता भंडारी हत्याकांड के बाद एक और मामला सामने आया है जिसमे शिक्षा के मंदिर में महिला प्रवक्ता के साथ अभद्रता हुई। इस मामले ने एकबार फिर प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इन मामलों ने जहां पुलिस की कार्य प्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं वहीं सरकारी विभागों की पोल भी खुल रही है। मामला अल्मोड़ा के रानीखेत के ताड़ीखेत विकासखण्ड से सामने आया है, यहां अटल उत्कृष्ट राजकीय इंटर कॉलेज भुजान में महिला प्रवक्ता ने पुरूष प्रवक्ता पर छेड़छाड़, अभद्रता, गाली-गलौज, धमकी इत्यादि का आरोप लगाया है और प्रवक्ता के खिलाफ राजस्व पुलिस में केस दर्ज करवाया है जो अब अल्मोड़ा पुलिस को ट्रांसफर हो चुका है।

मामले के मुताबिक अल्मोड़ा के बजून राजकीय इंटर कालेज में इंग्लिश विषय पढ़ाने वाली महिला प्रवक्ता की नियुक्ति के बाद से ही विद्यालय के हिन्दी प्रवक्ता मिथिलेश्वर सिंह की गंदी नियत महिला प्रवक्ता पर थी जिस कारण मिथिलेश्वर सिंह ने महिला प्रवक्ता के साथ छेड़छाड़ और अभद्रता करनी शुरू कर दी, इतना ही नही महिला प्रवक्ता के मुताबिक मिथिलेश्वर सिंह महिला प्रवक्ता के बॉडी पार्ट्स को लेकर भी कमेंट्स करने लगा जब महिला प्रवक्ता ने विरोध किया तो मिथिलेश्वर सिंह बौखला गया और बौखलाहट में महिला प्रवक्ता के चरित्र पर गलत इल्जाम लगाने शुरू कर दिये। जिसके बाद महिला ने मिथिलेश्वर सिंह के खिलाफ 19 जुलाई 2022 को प्रधानाचार्य से लिखित शिकायत की और जांच होने पर मिथिलेश्वर ने अपने कारनामो को कुबूल किया। इस प्रकरण के बाद मिथिलेश्वर का ट्रांसफर कर दिया गया लेकिन विद्यालय प्रबंधन ने ट्रांसफर होने तक मिथिलेश्वर को मेडिकल लीव पर रख दिया। मामला यहीं नहीं रुका, स्कूल प्रिन्सिपल से साथ गांठ के चलते मेडिकल लीव पर होने के बावजूद मिथिलेश्वर सिंह स्कूल आने लगा और पीड़ित महिला प्रवक्ता के साथ और ज़्यादा अभद्रता करने लगा।

महिला प्रवक्ता ने बताया कि शिकायत से पहले जब मिथिलेश्वर सिंह को लगा कि महिला प्रवक्ता उसके चंगुल में नहीं आएगी तो उसने गुटबाजी करते हुए महिला प्रवक्ता के खिलाफ जालसाज़ी करनी शुरू कर दी और इस जालसाजी में शिक्षा विभाग और स्थानीय भी शामिल हो गए चूंकि मिथिलेश्वर सिंह 20 वर्षों से उसी स्कूल में तैनात है जिस कारण उसकी पकड़ मजबूत है। महिला प्रवक्ता के खिलाफ षड्यंत्र रचने के लिए मिथिलेश्वर ने स्कूल में कार्यरत अन्य महिला जो कि मिथिलेश्वर के गुट में शामिल थी का एक अन्य प्रवक्ता के साथ किसी अन्य कारण से झगड़ा हुआए जिसकी गवाह पीड़ित महिला प्रवक्ता के साथ 79 विद्यार्थी थे जब ये मामला प्रिंसिपल तक पहुंचा तो उक्त महिला ने पीड़ित महिला प्रवक्ता पर, प्रिंसिपल और उक्त अन्य प्रवक्ता पर ही एससीएसटी एक्ट में शिकायत दर्ज करा दी। अभी यह मामला कोर्ट में चल रहा है।

शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों तक पकड़ होने के कारण आज तक मिथिलेश्वर सिंह का ट्रांसफर नहीं हो पाया, जिस कारण उसके हौंसलें और भी बुलंद होते चले गए और लगातार पीड़ित महिला प्रवक्ता के साथ छेड़छाड़ अभद्रता, गाली गलौज का सिलसिला आम होता चला गया। मामले को लेकर पीड़ित महिला प्रवक्ता नैनीताल कुमाऊं कमिश्नर के पास पहुंची, कमिश्नर ने मामले का संज्ञान लिया और शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों को जांच के निर्देश दिये जिसके बाद शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने जांच के लिए एक प्रश्नावली तैयार की।

पीड़ित महिला प्रवक्ता का कहना है कि उन्होने 19 जुलाई को जो शिकायत पत्र दिया था उसमें से लिए गए बिन्दुओं को बदलकर शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों ने बेहद भद्दी प्रश्नावली तैयार की और महिला प्रवक्ता को बदनाम करने की नियत से सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया जबकि जांच से संबन्धित प्रश्नावली और साक्ष्य विभाग द्वारा गुप्त रखे जाते है। लेकिन मिथिलेश्वर सिंह, खंड शिक्षा अधिकारी और प्रिंसिपल के द्वारा भद्दी प्रश्नावली वायरल करवा दी गयी जिससे महिला प्रवक्ता मानसिक रूप से बीमार हो जाये और नौकरी न कर पाये।

जब मिथिलेश्वर सिंह का उत्पीड़न नहीं रुका तो महिला प्रवक्ता ने 29 सितंबर 2022 को राजस्व पुलिस में धारा 504, 354, 506, 427 में केस दर्ज़ करवा दिया जिसके बाद राजस्व पुलिस की जांच जारी है। मामले की गंभीरता देखते हुए रानीखेत तहसीलदार मनीषा मारकाना द्वारा जिलाधिकारी को केस स्थानीय पुलिस को देने की अनुशंसा की गयी जिसके बाद अब केस रेगुलर पुलिस के पास जा चुका है जल्द ही इस पर इंवेस्टिगेटिंग ऑफिसर तैनात होगा और जांच अल्मोड़ा पुलिस करेगी।